मंत्री मोहम्मद अकबर के विरूद्ध बीजेपी अभी तक नहीं कर पायी है नाम तय, आम आदमी पार्टी ने खड़गराज सिंह को मैदान में उतार कर बना दिया और भी दिलचस्प..... पढ़िए पूरा विश्लेषण

 


संजय यादव, पत्रकार कवर्धा

विधानसभा चुनाव जैसे जैसे करीब आ रहा है वैसे ही राजनीतिक दलों और दावेदारों की चिंता बढ़ती जा रही है। छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में इस बार पूरे प्रदेश में अगर कोई विधानसभा सबसे ज्यादा चर्चित और हाईप्रोफाइल है तो‌ वो‌ है पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का गृह जिले का विधानसभा कवर्धा। जहां‌ के विधायक फिलहाल मोहम्मद अकबर है और सरकार में कैबिनेट मंत्री पद पर बने हुए हैं। 

 15 साल की बीजेपी सरकार से जनता उब चुकी थी

विधानसभा कवर्धा का चुनाव कई मायनों में बेहद खास है, पहली बात - यह पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह का गढ़ है, यहां से प्रत्याशी कोई भी हो लेकिन चुनाव डा रमन सिंह ही लड़ते हैं, ये बात अलग है कि पिछले चुनाव में बीजेपी को जिले के दोनों विधानसभा कवर्धा और पंडरिया में करारी हार का सामना करना पड़ा। हार इतनी जबरदस्त थी कि कवर्धा में साठ हजार वोटों का भयंकर फासला रहा‌। हालांकि पिछले चुनाव में हार के कई कारण थे । जिसमें पहला यह कि 15 साल की बीजेपी सरकार से जनता उब चुकी थी। लोग बदलाव चाहते थे इसीलिए कांग्रेस के कई डमी प्रत्याशी जीतकर आए। दूसरी बात कवर्धा में तत्कालीन विधायक अशोक साहू को पुनः टिकट दी गई। जबकि इस बार कवर्धा की जनता प्रत्याशी में नया चेहरा चाहते थे, और तीसरी बात कांग्रेस की लुभावने वादे और घोषणा पत्र, जिसमें ज्यादातर किसानों का कर्ज माफ वाली बात ज्यादा प्रभावशील रही। कहा जाता है यही तीन प्रमुख कारण थे जिसके कारण बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा और मोहम्मद अकबर को कवर्धा से ऐतिहासिक जीत हासिल हुई।

राजा रानी ही गेम चेंजर साबित हो सकते हैं

लेकिन पांच सालों में ये बातें अब पुरानी हो चुकी है और कवर्धा की तासीर समझ पाना इस बार इतना आसान नहीं है। कांग्रेस से प्रत्याशी जहां मंत्री मोहम्मद अकबर स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रहे हैं तो वहीं बीजेपी अभी भी कवर्धा में अकबर के विरूद्ध मजबूत प्रत्याशी नहीं ढूंढ पाई है। यही वजह है कि कवर्धा की स्थिति अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है। इधर आम आदमी पार्टी ने सहसपुर लोहारा रियासत के राजा खड़गराज राज सिंह को अपना प्रत्याशी नियुक्त किया है। इससे दोनों ही राष्ट्रीय दलों की चिंता बढ़ गई है। चूकि भले ही राजा खड़गराज राज सिंह को आम आदमी पार्टी में शामिल हुए दो - चार दिन ही हुए हैं लेकिन उनकी पत्नी रानी आकांक्षा सिंह आम आदमी पार्टी में लगभग साल भर से पार्टी में सक्रिय तौर पर कार्य कर रही हैं। कहा जा रहा है कि कुल मिलाकर कवर्धा विधानसभा में राजा रानी ही गेम चेंजर साबित हो सकते हैं। अब देखना यह होगा कि बीजेपी अपने प्रत्याशी का नाम कब ऐलान करती है और इस शतरंज का अगला खिलाड़ी कौन होता है।

शतरंज की चालों का खौफ, उन्हें होता है,जो सियासत करते हैं..! हम तो मोहब्बत के खिलाड़ी हैं, ना हार की फिक्र,ना जीत का जिक्र

आज के लिए बस इतना ही आगे का विश्लेषण बीजेपी प्रत्याशी के नाम ऐलान होने के बाद आपके समक्ष प्रस्तुत करेंगे। तब तक के लिए नमस्कार 

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