महतारी हुंकार रैली से घबराई कांग्रेस, फूलोदेवी नेताम का बयान महिला विरोधी : भावना बोहरा

रायपुर। भाजपा महिला मोर्चा छत्तीसगढ़ द्वारा 3 नवंबर को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार द्वारा पूर्ण शराबबंदी को लेकर बिलासपुर में महतारी हुंकार रैली का आयोजन किया गया है। महिला मोर्चा द्वारा इस आयोजन को लेकर राज्यसभा सांसद फूलो देवी नेताम द्वारा दिए गए बयान को भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश मंत्री और कबीरधाम जिला पंचायत की सभापति भावना बोहरा ने महिला विरोधी बताते हुए उसकी निंदा की है। उन्होंने कहा कि एक महिला होकर राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम द्वारा भाजपा महिला मोर्चा को नौटंकी कहना अनुचित है या विरोध प्रदर्शन प्रदेश की लाखों माताओं और बहनों के हक व अधिकार की लड़ाई है, जिसका जवाब 3 नवम्बर को प्रदेश की महिलाएं बिलासपुर में देंगी। उनकी पार्टी के नेताओं ने चुनाव से पहले हाथ में गंगाजल लेकर प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी करने का वादा किया था लेकिन अब वही लोग प्रदेश में शराब बिक्री के समर्थन में बयान दे रहें, जिसकी जितनी निंदा की जाय वह कम है। उन्होंने गंगा जल के साथ-साथ प्रदेश की महिलाओं का भी अपमान किया है। भावना बोहरा ने कहा कि छत्तीसगढ़ की महिलाओं ने प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी को लेकर उनपर विश्वास जताया और अपना मत देकर उन्हें सत्ता सौंपी, लेकिन अब अपने वादों को पूरा करने के बजाय सत्ता पक्ष अपनी जिमेम्दारियों से पल्ला झाड़ रही है। कांग्रेस नेत्री ने अपने बयान में कहा है कि भाजपा महिला मोर्चा को शराबबंदी पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है, महतारी हुंकार रैली केवल नौटंकी है। भाजपा महिला मोर्चा द्वारा किया जा रहा यह विरोध प्रदर्शन राज्य सरकार को उनके झूठे वादों को याद दिलाने के लिए है। प्रदेश की लाखों माताओं, बहनों और बेटियों की आवाज है। आज प्रदेश की सभी महिलाएं एक साथ प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी के लिए आवाज उठा रहीं हैं, जगह-जगह अपने अधिकारों के लिए धरना प्रदर्शन कर रहीं हैं, उनकी इसी आवाज को बुलंद करने के लिए उनके अधिकारों के प्रति लड़ने के लिए और कुंभकर्णीय नींद में बैठे शासन व प्रशासन को जगाने के लिए प्रदेश की हर महतारी 3 नवम्बर को हुंकार भरने के लिए तैयार है। उन्होंने आगे कहा कि आज कांग्रेस सरकार ने जो भी वादे किये थे सभी अधुरें हैं। अपने निजी लाभ के लिए आज राज्य सरकार ने रेडी टू ईट का कार्य स्वसहायता समूहों से छिनकर लाखों महिलाओं से उनका रोजगार छीन लिया। आवास योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार की उदासनीता और लापरवाही के कारण 8 लाख परिवारों के पक्के मकान का सपना अधुरा रह गया, वृद्ध माताओं को एक हजार रूपए पेंशन देने की घोषणा अब तक अधूरी है, शराबबंदी करने की बजाय प्रदेश में सैकड़ों नए शराब दुकानें खोली गई। कुछ दिनों पूर्व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक द्वारा बयान में कहा गया कि शराबबंदी जनता का मुद्दा नहीं। मैं उनसे कहना चाहती हूँ कि आपने अपने चुनावी घोषणा पत्र में शराबबंदी को प्रमुक्ता से उठाया था प्रदेश की जनता ने आपके उस वादे पर भरोसा जताया और आपको सत्ता सौंपी लेकिन अब वे अपने वादों से मुकर रहें हैं प्रदेश की जनता के जनादेश का अपमान कर रहें हैं। प्रदेश में शराब की अवैध बिक्री और बढ़ते अपराध को लेकर भावना बोहरा ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ सरकार की कुनीति व कुप्रबन्धन की वजह से गाँव-गाँव, गली-गली में शराब कोचियों की भरमार है। प्रशासन भी इसके लिए कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर रही है जिसके कारण उनके हौसले बुलंद हैं और खुलेआम अवैध शराब बिक्री की जा रही है। प्रदेश की महिलाओं की सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी गंभीर नजर नहीं आ रहे। शराब के कारण आए दिन महिलाओं के साथ अनाचार, बलात्कार, हत्या, लूट, हिंसा व उनके अपमान की ख़बरें देखने व सुनने को मिल रही है। कुछ दिन पूर्व धमतरी में एक महिला द्वारा अपने पति को शराब पिने से रोकने पर उसे अपनी जान गंवानी पड़ गई । *दो दिन पूर्व मुख्यमंत्री के गृह जिले के कुम्हारी में पति-पत्नी और उनके दोनों बच्चों की हत्या ने प्रदेश में ध्वस्त कानून व्यवस्था की सच्चाई को उजागर किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जिस प्रकार छत्तीसगढ़ में महिलाओं के साथ अन्याय, अत्याचार, हिंसा और अपराध में वृद्धि हो रही है वह चिंतनीय है। राज्य सरकार भी इन बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने में विफल दिख रही है और रोजाना सैकड़ों महिलाएं हिंसा का शिकार हो रही हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने महिला सुरक्षा को लेकर चुनाव में बड़े-बड़े वादे किये थे लेकिन आज तक उनपर अमल नहीं किया गया जिसके कारण महिलाओं की सुरक्षा पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा होता है। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है और न ही अपने वादे के अनुरूप राज्य सरकार उन्हें 2500 रुपए बेरोजगारी भत्ता दे रही है। छत्तीसगढ़ में जंगलराज चल रहा है, लेकिन अब जनता कांग्रेस सरकार के कुशासन को पहचान गई है। प्रदेश की महिलाएं भी राज्य सरकार द्वारा किये गए झूठे वादों से आहत हैं और 3 नवम्बर को बिलासपुर में अपने हक व अधिकार के लिए आवाज बुलंद करने के लिए तैयार है।

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