रथ दर्पदलन पर ‘छेरा पहरा’ की रस्म करेंगे-
दोपहर 02:30 बजे से 03:30 बजे तक जगन्नाथ मंदिर पुरी के गजपति दिव्यसिंह देव दोपहर 02:30 बजे भगवान जगन्नाथ के रथनंदीघोष, बलराम के रथ तालध्वज और सुभद्रा जी के रथ दर्पदलन पर ‘छेरा पहरा’ की रस्म करेंगे। यह रस्म 03:30 बजे तक चलेगी।
क्या है इतिहास-
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक बार लाडली बहन सुभद्रा ने अपने भाइयों कृष्ण और बलराम से नगर देखने की इच्छा जताई थी। तब दोनों भाई अपनी प्यारी बहन को रथ में बैठाकर नगर भ्रमण के लिए ले गए थे। रास्ते में तीनों अपनी मौसी के घर गुंडिचा भी गए और यहां पर 7 दिन तक रुके और उसके बाद नगर यात्रा को पूरा करके वापस पुरी लौटे। कहते हैं कि तभी से यहां पर हर साल रथ यात्रा निकालने की परंपरा का आरंभ हुआ था।