रूढ़िवादी परंपरा को दरकिनार कर ससुर द्वारा विधवा बहू को बेटी बनाकर किया विदा...


धमतरी | 
एक प्रेरक मामला सामने आया है।छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के कुरूद ब्लाक के ग्राम सेमरा (बी) में रूढ़िवादी परंपरा को दरकिनार कर ससुर द्वारा विधवा बहू को बेटी बनाकर विदा करने का प्रेरक मामला सामने आया है। बता दें जिले के भखारा तहसील अंर्तगत आने वाले ग्राम सेमरा (बी) निवासी गोकुलराम देवांगन के छोटे बेटे रोशन देवांगन (26) की दो साल पहले पोटियाडीह निवासी 24 वर्षीय मोनिका (माया) के साथ धूमधाम से शादी हुई थी। बीते दीपावली के दिन रोशन की मौत हो गई।इससे पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। सबसे बड़ी चिंता की बात यह थी कि मोनिका की सवा साल की बेटी भी थी। उसके सामने पूरी जिंदगी पड़ी थी। देवांगन परिवार मोनिका को बहू के बजाय बेटी की तरह मानता है, इसलिए जिम्मेदारी और बढ़ गई।

बहु को ससुराल वाले डेढ़ साल की पोती के साथ स्वीकार किया है|  जवान बेटे की मौत के सदमे से पिता ने किसी तरह खुद को संभाला और बहू की चिंता की। जिले में दोनों परिवारों की खूब सराहना हो रही है। बीते रविवार को समाजजनों की उपस्थिति में रामकुमार और मोनिका परिणय सूत्र में बंधे। गोकुलराम भावुक होकर कहते हैं कि बहू को विदा करते समय यूं लगा ज्यों बेटी को विदा कर रहे हों। एक बेटा खोया तो एक मिल गया है। दोनों परिवारों की ओर से लिए गए इस फैसले का देवांगन समाज ही नहीं, सभी समाजों में प्रशंसा हो रही है|

गोकुलराम बताते हैं कि बेटे के जाने का गम छोटा नहीं था, लेकिन सामने बहू और पोती का चेहरा था। उन्होंने ठान लिया था कि बहू को पूरी जिंदगी अकेले नहीं गुजारने देंगे। अपनी इच्छा बहू के मायके वालों को बताई तो वे बहुत खुश हुए। खुद को संभालने के बाद बहू के लिए लड़का देखना शुरू किया। अच्छी बात यह रही कि रिश्ता मायके वालों ने ही तलाशकर भेजा। धमतरी के हटकेशर निवासी युवक रामकुमार देवांगन से रिश्ता तय हो गया। गोकुलराम ने बताया कि रिश्ते की बात करते समय ही लड़के वालों को हमने यह भी बता दिया था कि बहू के सवा साल की बेटी भी है। लड़के वालों का बड़प्पन ही है कि उन्होंने पोती के साथ बहू को स्वीकार कर लिया।