विशेष पिछड़ी जनजाति के शिक्षित युवाओं को मिलेगी तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी की सरकारी नौकरी...


रायपुर | भेंट-मुलाकात की कड़ी में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बगीचा पहुंचे थे। इस दौरान ग्रामीणों से चर्चा के दौरान युवती संजू पहाड़िया ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी बात रखते हुए नियमित सरकारी नौकरी की मांग की गई। संजू ने बताया कि उसने जूलॉजी में एमएससी और पीजीडीसीए की पढ़ाई की है, लेकिन नियमित शासकीय नौकरी नहीं है। इस पर मुख्यमंत्री बघेल ने बताया कि, 27 अगस्त 2019 को छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति सलाहकार परिषद की बैठक हुई थी। उक्त बैठक में विशेष पिछड़ी जनजाति के पात्र युवाओं का सर्वे करवाकर उनकी पात्रता अनुसार नियुक्ति की कार्यवाही करने का निर्णय हुआ था। 


निर्णय के अनुपालन में आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा प्रदेश के सभी जिलों में सर्वे करवाकर विशेष पिछड़ी जनजाति की जिलेवार सूची तैयार की गई। सूची के अनुसार विशेष पिछड़ी जनजाति के शिक्षित पात्र युवाओं का आंकड़ा 9623 है। इन सभी 9623 शिक्षित युवाओं को जल्द ही योग्यता अनुसार शासकीय विभागों में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस पर सालाना वार्षिक व्यय लगभग 346.43 करोड़ रुपये अनुमानित है।

छत्तीसगढ़ में विशेष पिछड़ी जनजाति:-

उल्लेखनीय है कि जनजाति समूहों में ही आपस में विकास की दर असामान्य होने की वजह से भारत सरकार द्वारा आयोग गठन कर विशेष पिछड़ी जनजाति समूहों का चिन्हांकन किया गया था। इसमें छत्तीसगढ़ के पांच जनजाति समूह अबूझमाड़िया, पहाड़ी कोरवा, बिरहोर, बैगा एवं कमार को विशेष पिछड़ी जनजाति के रूप में मान्यता दी गई है। वहीं छत्तीसगढ़ शासन की ओर से पंडो एवं भुंजिया जनजाति समूह को विशेष पिछड़ी जनजाति के रूप में मान्यता प्रदान की गई है। इस तरह से राज्य में विशेष पिछड़ी जनजाति समूह की संख्या कुल सात है।

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