हसदेव बचाओ आंदोलन हुआ सफल, परियोजना पर लगी रोक...टी एस बाबा का रहा योगदान


रायपुर।
छत्तीसगढ़ में ऐसा पहली बार हुआ की  हर वर्ग गलतियों को लेकर अपनी संवेदना दिखा रहा था लोग सड़क पर उतर रहे थे तो कुछ लोग सोशल मीडिया के माध्यम से हसदेव बचाओ आंदोलन चला रहे थे।परंतु कल छत्तीसगढ़ सरकार ने सरगुजा संभाग के हसदेव अरण्य वन क्षेत्र में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) को आवंटित तीन आगामी कोयला खदान परियोजनाओं के संबंध में कार्यवाही रोक दी है।

 अनिश्चितकाल के लिए लगी रोक

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक सरगुजा के कलेक्टर संजीव झा ने मीडिया को बताया कि खनन से जुड़ी ‘सभी विभागीय या आधिकारिक प्रक्रियाओं को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है’|हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक सरगुजा कलेक्टर ने यह भी कहा, ‘पहले फेज के दौरान पीईकेबी (परसा ईस्ट एंड केते बासन कोयला खदान) में शुरु किए गए खनन कार्य चलते रहेंगे, क्योंकि यह 2013 से चल रहा है. हालांकि बाकी अन्य कार्यों पर रोक लगा दी गई है|

 टीएस सिंह देव के दौरे के बाद हुआ निर्णय

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हसदेव जंगलों के क्षेत्र में टीएस सिंह देव के दौरे के संबंध में कहा था, ‘यदि टीएस सिंह देव चाहते हैं कि पेड़ों को न काटा जाए, तो एक पत्ती को भी नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा|

क्या भूपेश बघेल पर हावी हुआ राजनीतिक डर

आपको बता दूं  की टी एस सिंह देव और भूपेश बघेल के बीच काफी समय से मतभेद चल रही है, जिस प्रकार  बाबा को नजरअंदाज किया गया वो साफ दिखाई पड़ रहे, चाहे हेलीकॉप्टर के मामले में हो, या  विधायकों के समर्थन के मामले में हो। हालात देख ऐसा लगता है कि  छत्तीसगढ़ सरकार ने सिंहदेव को पार्टी से दरकिनार करने का फैसला ले रखा है।ऐसे में विरोध के दौरान राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने छह जून को स्थानीय लोगों के समर्थन में हसदेव अरंड क्षेत्र का दौरा किया था और कहा था कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ गोली या लाठी चलाई जाएगी तब वह सबसे पहले इसका सामना करेंगे| अगले ही दिन उनके बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि यदि सिंहदेव नहीं चाहते कि कोयला खदान परियोजनाओं के लिए पेड़ काटे जाएं तो एक भी शाखा नहीं काटी जाएगी |