नई दिल्ली | नवजोत
सिंह सिद्धू की तरफ से उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सरेंडर के लिए सुप्रीम
कोर्ट से
और वक्त दिए जाने की मांग की है. अभिषेक मनु सिंघवी ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला
देकर सरेंडर के लिए कुछ हफ्तों का समय दिए जाने की मांग की है|
बेंच
ने प्रॉपर याचिका दाखिल करने के लिए कहा?
सिद्धू
के वकील की तरफ से सरेंडर के लिए और वक्त मांगे जाने पर जस्टिस खानविलकर की बेंच
ने सिंघवी से कहा कि आप इसको लेकर एक प्रॉपर याचिका दाखिल करें और चीफ जस्टिस ऑफ
इंडिया की बेंच के सामने सुनवाई के लिए आग्रह करें|
सुनवाई
के लिए गठित करनी होगी स्पेशल बेंच
दरअसल, अभिषेक मनु सिंघवी चाहते थे कि जस्टिस
खानविलकर की बेंच आज ही उनकी याचिका पर सुनवाई करे. लेकिन जस्टिस खानविलकर ने कहा
कि इस पर सुनवाई के लिए स्पेशल बेंच को गठित करना होगा. आप सीजेआई की बेंच के
सामने अपनी बात रखिए|
‘रोड
रेज’ मामले
में सिद्धू को 1 साल की सजा
गौरतलब
है कि कांग्रेस के कुछ नेता और समर्थक आज सुबह नवजोत सिंह सिद्धू के
आवास पर पहुंचे. पहले खबर आई थी सिद्धू आज सुबह 10 बजे पटियाला में सरेंडर करने
वाले हैं. लेकिन, फिर सुप्रीम कोर्ट में सिद्धू की तरफ से उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी
ने उनके सरेंडर के लिए और वक्त देने की मांग की. सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को 1988
के ‘रोड
रेज’ मामले
में 1 साल की सजा सुनाई है|
सिद्धू
को सजा सुनाते वक्त सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कम सजा देने के लिए किसी भी तरह की
सहानुभूति न्याय प्रणाली को अधिक नुकसान पहुंचाएगी और कानून के प्रभाव को लेकर
जनता के विश्वास को कमजोर करेगी. कोर्ट ने रोड रेज की घटना में सिद्धू को मिली
जुर्माने की सजा को बढ़ाकर उसके साथ एक साल के सश्रम कारावास की सजा भी सुनाई. इस
घटना में 65 साल के एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी|
पीड़ित
पक्ष के अनुसार, सिद्धू
और उनके सहयोगी रुपिंदर सिंह संधू 27 दिसंबर, 1988 को पटियाला में शेरांवाला गेट
क्रॉसिंग के पास एक सड़क के बीच में खड़ी एक जिप्सी में थे. उस समय गुरनाम सिंह और
दो अन्य लोग पैसे निकालने के लिए बैंक जा रहे थे| जब वे चौराहे पर पहुंचे तो
मारुति कार चला रहे गुरनाम सिंह ने जिप्सी को सड़क के बीच में पाया और उसमें सवार
सिद्धू और संधू को इसे हटाने के लिए कहा. इससे दोनों पक्षों में बहस हो गई और बात
हाथापाई तक पहुंच गई. गुरनाम सिंह को अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई|