रायपुर| छत्तीसगढ़ के बालोद जिला मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर दूर जगन्नाथपुर गांव के छात्र-छात्राओं का समूह कलेक्ट्रेट पहुंचा | समूह की छात्राओं ने बीते सोमवार को बालोद कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन दिया।इसमें उन्होंने अवैध रूप से शराब बेचने की अनुमति मांगी दरअसल बालोद थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत जगन्नाथपुर अवैध शराब बेचने वाले माफियाओं का गढ़ बन गया है|अवैध शराब बेचने वाले कोचियों की तादाद दर्जनों में है, जिसकी वजह से गांव का माहौल तो बिगड़ ही रहा है
जगन्नाथपुर
गांव में शराब बिक्री के मामले को देखकर तो लोग अब इस गांव को मदिरापुर तक कहने
लगे हैं| इसके अलावा महिलाओं और युवतियों का बाहर निकलना दुर्भर हो गया है| महिलाओं को गृह कार्य एवं कृषि कार्य के लिए व छात्राओं को कालेज के लिए गांव के
बस स्टॉप तक पहुचने के लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है| जिन रास्तों से
होकर महिलाएं और युवतियां गुजरती हैं वहां शराबियों का शर्मनाक माहौल बना रहता है| आलम यह है कि अब महिलाएं घर के बाहर निकलने से कतराती हैं शराबी छेड़छाड़ भी करते
हैं| इन सभी बातों को ध्यान में रख गांव में अवैध शराब की बिक्री पर तत्काल रोक
लगाने एवं पूर्ण शराबबंदी को लेकर गांव के तमाम छात्र-छात्राओं एवं युवाओं ने एसपी
को आवेदन सौंपा है| अवैध शराब की बिक्री पर रोक नही लगाए जाने की स्तिथि में
छात्राओं ने स्टॉल लगाकर शराब बिक्री करने की अनुमति की भी मांग की है।
दिया
बेरोजगारी का हवाला
जगन्नाथपुर
की रहने वाली चुनेश्वारी देशमुख ने ज्ञापन देते हुए कलेक्टर से कहा कि यदि गांव
में अवैध शराब की बिक्री नहीं रोक पा रहे हैं तो हमें भी स्टॉल लगाकर शराब बेचने
की इजाजत दे दीजिए| क्योंकि हम भी बेरोजगार हैं और इससे हमारी आय बढ़ेगी| गांव के
ही युवा भुवनेश्वर व अन्य का कहना है कि गांव में शराब की बिक्री धड़ल्ले से हो रही
है| जिन बच्चों के हाथों में किताबे होनी चाहिए, उनके हाथों में शराब की बोतलें दिखाई देती हैं| भुनेश्वर ने पुलिस पर
गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस अवैध शराब बेचने वाले माफियाओं पर कार्रवाई तो
करती है, लेकिन फिर बाद में उन्हें पैसे लेकर
छोड़ देती है।