रायपुर | कांग्रेस की ओर से छत्तीसगढ़ से राज्यसभा की दो सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा के बाद से प्रदेश में सियासी घमासान मचा है। बता दें कि उत्तर प्रदेश के राजीव शुक्ला और बिहार की रंजीत रंजन को टिकट देने के फैसले के बाद विपक्ष ने कांग्रेस को निशाने पर लिया है। भारतीय जनता पार्टी के बाद जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष अमित जोगी ने दोनों उम्मीदवारों को बाहरी बताते हुए छत्तीसगढ़ियों का अपमान बताया है। उन्होंने सिलसिलेवार पांच ट्वीट कर एक विवादित फोटो भी साझा की है जिसके बाद से नेताओं के बीच जुबानी जंग और तेज हो गई है।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष अमित जोगी ने सीएम भूपेश बघेल पर निशाना साधते हुए कहा है कि-
जय हो हाईकमान, भाड़ में जाए छत्तीसगढ़ का मान-
छत्तीसगढ़ की दोनों राज्यसभा सीटों पर बाहरी प्रत्याशियों को थोपना कांग्रेस की "जय हो हाईकमान,भाड़ में जाये छत्तीसगढ़ का मान" की दूषित सोच का परिणाम है। कांग्रेस आलाकमान ने छत्तीसगढ़ के योग्य कांग्रेसी नेताओं को मौका न देकर उन्हें नीचा दिखाया है और छत्तीसगढ़ का अपमान किया है।
बघेल ने फिर छत्तीसगढ़ के मान-सम्मान को दिल्ली में बेच दिया-
अपनी कुर्सी बचाने के लिये सीएम बघेल ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ के मान-सम्मान को दिल्ली में बेच दिया। छत्तीसगढ़ की जनता ने कांग्रेस को 71 विधायक इसलिए नही दिये कि वो उत्तरप्रदेश और बिहार के लोगों को लाकर छत्तीसगढ़ से सांसद बनायें और तलवे चाटें।
मैं कांग्रेस के सभी विधायकों से विनती करता हूं कि छत्तीसगढ़ की अस्मिता और मान की खातिर,10 जून को, थोपे गए दोनो बाहरी प्रत्याशियों के लिए वोट न करें। पहले छत्तीसगढ़ है फिर राजनीति। अगर हम छत्तीसगढ़ का मान नही रख सकते, तो ऐसी राजनीति किस काम की ?? सोचिये जरा...
पूर्व सीएम और मेरे पिता अजीत जोगी ने अपने तीन वर्ष के अल्प-कार्यकाल में तीन छत्तीसगढ़ियों को राज्यसभा भेजा था। कमला मनहर रामाधार कश्यप और मोतीलाल वोरा। भूपेश बघेल द्वारा तीन करोड़ छत्तीसगढ़ियों में से एक को भी योग्य न समझना उनके फ़र्ज़ी छत्तीसगढ़ियावाद की पोल खोलता है।
छत्तीसगढ़ का अपमान और छत्तीसगढ़वासीयों के साथ हुए अन्याय का हम पुरजोर विरोध करेगी।