रायपुर| प्रदेश के 99 बीएड, डीएलएड व एमएड कालेजों में नए सत्र से प्रवेश पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद ने जीरो एकडमिक ईयर भी घोषित कर दिया है। एनसीटीई ने यह सख्त कदम परफार्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट के आधार पर उठाया है।
राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद(एनसीटीई) ने पीएआर जमा करने वाले देशभर के 10,993 बीएड कालेजों को प्रवेश के लिए अभी
मान्यता सूची में रखा है। इसमें छत्तीसगढ़ के 156 संस्थानों का भी उल्लेख है।
इनमें
गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर, पंडित
रविशंकर विश्वविद्यालय रायपुर, पंडित
सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय बिरकोना, शासकीय
कालेज आफ टीचर एजुकेशन रायपुर, इंस्टीट्यूट
आफ एडवांस स्टडी इन एजुकेशन बिलासपुर आदि शामिल हैं। माना जा रहा है कि इससे
प्रदेश के 10 हजार बच्चे प्रभावित होंगे। बता दें कि राज्य में 148 बीएड, 89 डीएलएड और 18 एमएड कालेज संचालित
हैं।
आदेश
में बताया गया है कि एनसीटीई एक्ट 1993 और एनसीटीई रेगुलेशन 2014 में संशोधन के
बाद सभी शिक्षा महाविद्यालयों के लिए पीएआर रिपोर्ट को आनलाइन जमा करना अनिवार्य
था। एनसीटीई ने साल 2019 से लेकर दो अप्रैल 2022 तक कई मौके दिए। आखिर में 27
अप्रैल को दिल्ली में हुई बैठक के बाद यह निर्णय आया। बिलासपुर जिले के आधा दर्जन से
अधिक कालेज इससे प्रभावित होंगे।
बता दें कि अभी 156 संस्थाओं की जांच होनी है। वहीं इनमें भी अगर किसी प्रकार की गड़बड़ी पाई गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। दूसरी ओर 99 बीएड, डीएलएड व एमएड कॉलेजों में एडमिशन पर रोक लगने से हड़कंप मच गया है।