नई दिल्ली| भीषण गर्मी की मार झेल रहे लोगों पर अब मौसम मेहरबान होने जा रहा है. न सिर्फ गर्मी से राहत बल्कि देश में खेती-किसानी और पेयजल संकट की समस्या भी दूर होगी. पुर्नानुमानों में कहा गया है कि इस वर्ष मानसून का आगमन तय समय से करीब 10 दिन पूर्व होने की संभावना है| अगर ऐसा हुआ तो 20 या 21 मई को केरल के तट से मानसून टकरा सकता है|
यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियम रेंज वेदर फोरकास्ट के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में हालिया मौसम संबंधी बदलावों से संकेत मिलते हैं कि अरब सागर में एंटीसाइक्लोन क्षेत्र बन रहा है. इसकी वजह से मानसून केरल जल्द पहुंच सकता है. इसके प्रभाव से पश्चिमी क्षेत्र के दूसरे हिस्सों में भी बारिश हो सकती है. सामान्यतः केरल के तट पर मानसून के आगमन का आदर्श समय 1 जून माना जाता है. लेकिन कई बार ऐसा होता है जब मानसून समय से पूर्व ही आ जाता है. उस स्थिति में करीब एक सप्ताह पूर्व से ही मानसून पूर्व की बारिश भी शुरू हो जाती है|
पिछले एक सप्ताह के दौरान दक्षिण भारत के कई शहरों में तेज बारिश हुई है जिसे मानसून पूर्व की बारिश माना जा रहा है. अगर मानसून का आगमन 20 मई के आसपास होता है यह बड़ा मौसमी बदलाव होगा. इस कारण आने वाले दिनों में शेष भारत में भी मानसून की बारिश समय से पूर्व शुरू हो सकती है| मानसून अगर 20 मई को दस्तक देगा तो जुलाई के पहले सप्ताह तक देश के हर हिस्से में मानसून की बारिश होने लगेगी. इससे अलग अलग क्षेत्रों में धान सहित अन्य मौसमी फसलों की बुआई समय पर होगी. माना जाता है कि देश में 70 फीसदी बारिश मानसून के दिनों में होती है|