बलरामपुर|मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बलरामपुर जिले के राजपुर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 10 करोड़ 70 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी की।इस राशि में 16 अप्रैल से 30 अप्रैल तक राज्य के गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से गोधन न्याय योजना के तहत क्रय किए गए गोबर के एवज में 2.34 करोड़ रूपए भुगतान तथा गौठान समितियों को 5.04 करोड़ और महिला समूहों को 3.32 करोड़ रूपए की लाभांश राशि शामिल हैं।
मुख्यमंत्री
भूपेश बघेल के वायदे के मुताबिक गोधन न्याय योजना की राशि का हर पखवाड़े नियमित रूप
से भुगतान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री जनता से भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के चलते 11
मई तक सरगुजा संभाग के दौरे पर रहेंगे। गोधन न्याय योजना की राशि जारी करने में
विलंब न हो इसके चलते मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बलरामपुर जिले के राजपुर से इस
योजना के हितग्राहियों को 43वीं किश्त के रूप में 10.70 करोड़ रूपए की राशि ऑनलाइन
जारी की।
गोधन
न्याय योजना देश-दुनिया की इकलौती ऐसी योजना है, जिसके तहत छत्तीसगढ़ राज्य के गौठानों में 2 रूपए किलो की दर से गोबर
की खरीदी की जा रही है। गौठानों में 15 अप्रैल तक खरीदे गए गोबर के एवज में गोबर
बेचने वाले ग्रामीणों को 136.22 करोड़ रूपए का भुगतान भी किया जा चुका है। आज गोबर
विक्रेताओं को 2.34 करोड़ रूपए का भुगतान होने के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 138.56 करोड़
रूपए हो गया है। गौठान समितियों को भी अब तक 54.53 करोड़ रूपए तथा महिला स्व-सहायता
समूहों 35.66 करोड़ रूपए राशि लाभांश का भुगतान किया जा चुका है। मुख्यमंत्री बघेल ने आज गौठान समितियों को 5.04 करोड़
तथा स्व-सहायता समूह को 3.32 करोड़ रूपए के भुगतान किये। इसके बाद यह आंकड़ा बढ़कर
क्रमशः 59.57 करोड़ एवं 38.98 करोड़ रूपए हो गया है।
गौठानों
में महिला समूहों द्वारा गोधन न्याय योजना के अंतर्गत क्रय गोबर से बड़े पैमाने पर
वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट प्लस एवं अन्य उत्पाद
तैयार किया जा रहा है। महिला समूहों द्वारा 13 लाख 94 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट
तथा 4 लाख 97 हजार क्विंटल से अधिक सुपर कम्पोस्ट एवं 18 हजार 925 क्विंटल सुपर
कम्पोस्ट प्लस खाद का निर्माण किया जा चुका है, जिसे
सोसायटियों के माध्यम से शासन के विभिन्न विभागों एवं किसानों को रियायती दर पर
प्रदाय किया जा रहा है। महिला समूह गोबर से खाद के अलावा गो-कास्ट, दीया, अगरबत्ती, मूर्तियां एवं अन्य सामग्री का निर्माण
एवं विक्रय कर लाभ अर्जित कर रही हैं। गौठानों में महिला समूहों द्वारा इसके अलावा
सब्जी एवं मशरूम का उत्पादन, मुर्गी, बकरी, मछली पालन एवं पशुपालन के साथ-साथ अन्य आय मूलक विभिन्न गतिविधियों
का संचालन किया जा रहा है,
जिससे महिला समूहों को अब तक 65 करोड़
54 लाख रूपए की आय हो चुकी हैं। राज्य में गौठानों से 12,013 महिला स्व सहायता
समूह सीधे जुड़े हैं, जिनकी सदस्य संख्या 82725 है।
गौठानों
में क्रय गोबर से विद्युत उत्पादन की शुरुआत की जा चुकी है। गोबर से प्राकृतिक
पेंट बनाने के लिए एमओयू हो चुका है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के
अनुरूप गौठानों को रूरल इण्डस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है।
यहां आयमूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए तेजी से कृषि एवं वनोपज आधारित
प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित की जा रही हैं। प्रथम चरण में राज्य के 161 गौठानों
में तेल मिल तथा 197 गौठानों में दाल मिल स्थापित किए जाने की कार्ययोजना पर अमल
शुरू कर दिया गया है। अब तक 38 गौठानों में तेल मिल एवं 91 गौठानों में दाल मिल की
स्थापना की जा चुकी है।
राज्य
में गोधन के संरक्षण और सर्वधन के लिए गांवों में गौठानों का निर्माण तेजी से
कराया जा रहा है। गौठानों में पशुधन देख-रेख, उपचार
एवं चारे-पानी का निःशुल्क बेहतर प्रबंध है। राज्य में अब तक 10,622 गांवों में गौठानों के निर्माण की
स्वीकृति दी गई है, जिसमें से 8397 गौठान निर्मित एवं
संचालित हैं, जिसमें से 3 हजार 89 गौठान आज की
स्थिति में स्वावलंबी हो चुके हैं। स्वावलंबी गौठानों में अब तक स्वयं की राशि से
13 करोड़ 18 लाख रूपए का गोबर क्रय किया है। गोधन न्याय योजना से 2 लाख 11 हजार से
अधिक ग्रामीण, पशुपालक किसान लाभान्वित हो रहे हैं।
गोबर बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित करने वालों में 45.19 प्रतिशत संख्या महिलाओं की
है। इस योजना से एक लाख 18 हजार से अधिक भूमिहीन परिवार लाभान्वित हो रहे हैं।