पौधा रोपण कर कबीरधाम स्वास्थ्य विभाग दे रहा संदेश, स्वास्थ्य सेवाओं के साथ पर्यावरण संरक्षण में विभाग ने निभाई भूमिका


कवर्धा।
स्वास्थ्य विभाग में cmho डॉ सुजॉय मुखर्जी के द्वारा 1 अप्रैल से "अप्रैल फूल नही अप्रैल कूल" बनाने के लिए पौधारोपण मुहिम चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में पौधा रोपण किया जा रहा है। सीएमएचओ कार्यालय, जिला अस्पताल समेत समस्त सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में विविध पौधों समेत मच्छर रोधी पौधों का प्रथमिकता से रोपण शुरू कर दिया गया है। जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में अब तक 500 पौधा रोपण हो चुका है, इसे अनवरत जारी रखा गया है।

मच्छर रोधी पौधों का रोपण भी जारी
तुलसी, लौंग, अजवाइन, पुदीना और अन्य हर्बल पौधों की मदद से अब मलेरिया कंट्रोल की कवायद की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि ऐसे हर्बल पौधों की खुशबू से मच्छर दूर भागते हैं। इसलिए घरों, दफ्तर और सार्वजनिक जगहों पर हर्बल पौधे लगाने लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने प्लान तैयार कर कार्य आरम्भ कर दिया है। मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों पर कंट्रोल के लिए सीएमएचओ डॉ. सुजॉय मुखर्जी ने मैदानी अमले को जिम्मेदारी दी है। वे अपने- अपने क्षेत्र में ग्रामीणों को हर्बल पौधे लगाने प्रेरित करेंगे। खास तौर पर बोड़ला ब्लॉक के उन 100 और पंडरिया ब्लॉक के 119 गांवों में, जो मलेरिया के मामले में संवेदनशील माने गए हैं। हर्बल पौधे लगाने की शुरुआत सरकारी अस्पतालों से की जा चुकी है। जिला अस्पताल में ही ओपीडी, माइनर ओटी, एसएनसीयू और मरीज वार्डों के बाहर गमलों में हर्बल पौधे लगाए गए हैं। 
डॉ सुजॉय मुखर्जी बताते हैं कि तुलसी, अजवाइन, गैंदा, लेमन ग्रास व अन्य हर्बल पौधों से पाइरेथ्रम, थियोफीन जैसे वाष्पशील सुगंधित गंध निकलती है। इससे मच्छर पास नहीं आते। रसायनिक दवाओं के छिड़काव से मच्छर तो भाग जाते हैं, लेकिन इसका मानव शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ता है। ये हर्बल पौधे दोनों से बचाव करने में मदद करेंगे। उन्होंने बताया कि इन पौधों का आइडेंटिफिकेशन आयुष विभाग की विशेष टीम द्वारा की गई है और राज्य शासन की ओर से मार्दर्शिका जारी कर सबको इन पौधों का रोपण करने के लिए मार्गदर्शन किया गया है।

जिले भर में चलाएंगे मुहिम- कलेक्टर
कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने कहा कि आगामी समय में सम्पूर्ण जिले में मुहिम तेज करके अन्य फलदार व छायादार पौधों के साथ इन तमाम मच्छर रोधी पौधों का रोपण भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि भोरमदेव परिसर में शिव वाटिका बनाने की भी योजना है, जिसमें इन पौधों को भी शामिल किया जाएगा।