पत्रकारिता विश्वविद्यालय में "राष्ट्रीय जनसम्पर्क दिवस" आयोजित

रायपुर। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवम जनसंचार विश्वविद्यालय के विज्ञापन एवं जनसंपर्क अध्ययन विभाग द्वारा समवेत सभागार में मंगलवार को "राष्ट्रीय जनसपंर्क दिवस" का आयोजन किया गया| विभाग द्वारा प्रतिवर्ष राष्ट्रीय जन संपर्क दिवस का आयोजन किया जाता है| इस बार भी विभाग ने "पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा आधारित राष्ट्रीय थीम "बिल्डिंग ट्रस्ट" विषय पर  व्याख्यान कार्यक्रम अायोजित किया गया| 

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ पत्रकार एवम सेवानिवृत्त आईएएस डॉ.सुशील त्रिवेदी उपस्थित रहे थे|उन्होंने विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में उपस्थित पत्रकारिता, जनसंचार एवं जनसंपर्क के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में जनसम्पर्क के क्षेत्र में व्यापकता स्थापित हो चुकी है।जनसम्पर्क का क्षेत्र विशाल होता जा रहा है।किसी भी क्षेत्र की सफलता के लिए सकारात्मक विश्वास का होना अनिवार्य है| विश्वास से मजबूत संबंध स्थापित होते हैं|जनसंपर्क का कार्य संपर्क स्थापित करने का कार्य है| चाहे वह संपर्क स्थान, संस्था, व्यक्ति या राष्ट्र से हो, यह संबंध तभी मजबूत व सकारात्मक हो सकते हैं जब विश्वसनीय जनसंपर्क की विधा उसमें समाहित हो| इसके लिए जनसम्पर्क में तकनीकी, रणनीति, संरचना और मैदानी स्तर पर प्रयुक्त की जाने वाली युक्तिया मुख्य होती है। उन्होंने कहां कि जनसंपर्क में सामान्य बुद्धि, सौजन्यता, शालीनतापूर्ण व्यहार, सम्बन्धो का निर्माण करती है| 

उन्होंने जनसंपर्क के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए बताया कि जनसम्पर्क की परिभाषा अब बदल चुकी है, सोशल मीडिया के आने से प्रेषक व फीडबैक देने वाला व्यक्ति एक ही हो गया है| आज जनसंपर्क में परिवारिक, समाजिक,राष्ट्रीय मूल्य समाहित हो गया है| आज विज्ञापन भी नैतिक मूल्यों के खिलाफ नही जा सकते| उन्होंने कहा कि जनसंपर्क अधिकारी को एक आन्टीना और रिसीवर भी कहा जाता है| इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बलदेवभाई शर्मा ने की| 

कुलपति ने अपने उद्बोधन में विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम की सराहना की और सभी विद्यार्थियों को जनसंपर्क दिवस की बधाइयां प्रेषित की| उन्होंने  जनसंपर्क दिवस पर कोरोना के बाद के वैश्वीकरण के प्रभाव पर प्रकाश डाला| साथ ही कहा कि व्यापार में काफी बदलाव आए इसके कारण देश की आत्मनिर्भरता बढ़ी है| आज का युग विज्ञापन का युग है| आज हर क्षेत्र में जन्मसपर्क  का बडा योगदान होता है| जनसम्पर्क के माध्यम से ही एक सेतु का निर्माण होता है, जिससे लक्षित समूह तक कॉर्पोरेट हाऊसेेस व राजनेताओं के बीच एक सम्बंध स्थापित होता है, जो सकारात्मक छवि निर्माण में सहायक है| 


कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ आनंद शंकर बहादुर भी उपस्थित रहे| उन्होंने अपने उद्बोधन में जनसंपर्क की बारीकियों को प्रस्तुत करते हुए कहा कि आज कॉर्पोरेट क्षेत्र में जनसम्पर्क की भूमिका मुख्य है| इसके कारण ही कॉर्पोरेट क्षेत्र बाजार में बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं। कार्यक्रम में विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ आशुतोष मंडावी द्वारा स्वागत भाषण प्रस्तुत किया गया| विभागाध्यक्ष ने उपस्थित जनों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की|


उन्होंने बताया कि विभाग प्रत्येक वर्ष जनसंपर्क दिवस का आयोजन करता आ रहा है और इस आयोजन का प्रबंधन व संचालन विभाग के विद्यार्थियों द्वारा स्वयं किया जाता है| विभागाध्यक्ष में जनसंपर्क दिवस की महत्ता पर सभी का ध्यान आकर्षित किया। कार्यक्रम में विज्ञापन एवं जनसंपर्क अध्ययन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर शैलेंद्र खंडेलवाल भी मुख्य रूप से उपस्थित रहे|  कार्यक्रम संचालन अतिथि अध्यापिका चैताली पांडेय ने किया| कार्यक्रम में पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष एसोसिएट प्रोफेसर पंकज नयन पांडे , डॉ. नृपेंद्र शर्मा, जनसंचार विभाग से डॉ. राजेंद्र मोहंती, कबीर शोधपीठ के अध्यक्ष कुणाल शुक्ला व अन्य विभाग के शिक्षकगण व बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे|

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