रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल
पर तीन मई को अक्षय तृतीया के मौके पर राज्य में माटी पूजन दिवस का आयोजन होगा।
इसमें स्कूल शिक्षा विभाग एक अभिनव पहल कर रहा है। प्रदेश के ऐसे 214 हायर सेकेंडरी स्कूलों में जहां कृषि
संकाय संचालित है, वहां विकसित किचन गार्डन में अब
पूर्णत: जैविक सब्जियां उगाई जाएंगी, जो
बच्चों को मध्यान्ह भोजन में खाने को मिलेंगी।
अक्षय
तृतीया तीन मई को माटी पूजन दिवस के रूप में मनाते हुए यह अभियान शुरु हो रहा है।
इसका उद्देश्य राज्य में गौमूत्र एवं अन्य जैविक पदार्थों के उपयोग को बढ़ावा देना
है। इसमें स्कूलों की भागीदारी होगी। पूर्व में मुख्यमंत्री की पहल पर बच्चों ने
किचन गार्डन तैयार किया था। इनमें अब जैविक सब्जियों का उत्पादन किया जाएगा। लोक
शिक्षण संचालनालय ने इस संबंध में सभी कलेक्टरों एवं जिला शिक्षा अधिकारियों को
दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
प्रदेश
के 214 हायर सेकेंडरी स्कूलों में कृषि संकाय
संचालित है। अध्ययन-अध्यापन के लिए स्कूलों में मापदंड अनुरूप न्यूनतम 4 एकड़ कृषि भूमि उपलब्ध है। उपलब्ध भूमि
में जैविक खेती की जाएगी। इसके अंतर्गत भूमि का संधारण, जैविक बीज, वर्मी कम्पोस्ट खाद, गौमूत्र आदि की उपलब्धता सुनिश्चित
करने कहा गया है। जैविक खेती के लिए संबंधित जिले के कृषि विज्ञान केंद्र एवं
उद्यानिकी विभाग के वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों की मदद ली जाएगी।
वर्मी
कम्पोस्ट खाद का होगा उपयोग
अभियान
का विस्तार करते हुए 10 हजार अन्य स्कूलों में भी सब्जियां
उगाई जाएंगी। स्कूल स्तर पर विकसित किए गए किचन गार्डन में जैविक सब्जियों के
उत्पादन को बढ़ाने के लिए वर्मी कम्पोस्ट खाद का उपयोग किया जाएगा। इसमें सब्जियों
की पौष्टिकता एवं आवश्यक खनिज की मात्रा भी पर्याप्त होगी। जैविक खेती की अवधारणा
को प्रचारित करने के लिए स्कूल सबसे अच्छा माध्यम हो सकता है।