लखनऊ: यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि रामनवमी पर जिस तरह शांति और सौहार्द का माहौल रहा, वह नए यूपी की पहचान बन रहा है. हालांकि कुछ अराजक तत्वों व संगठनों ने हनुमान जयंती पर कुछ गड़बड़ी की कोशिश की थी, उन्हें जवाब दे दिया गया है. उन्होंने कहा कि हम आस्था का पूरा सम्मान करते हैं. इसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है, लेकिन इसका सार्वजनिक रूप से भौड़ा प्रदर्शन कर दूसरों को परेशान किया जाए, यह स्वीकार्य नहीं है. मालूम हो कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद यूपी में 6031 लाउडस्पीकर उतारे जा चुके हैं, वहीं 29674 धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकरों की आवाज कम की गई है|
योगी ने कहा कि
लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के लिए जो निर्देश दिए गए हैं, उनका कड़ाई से पालन कराया जाए. अनावश्यक रूप से लगाए गए
लाउडस्पीकर तत्काल उतारे जाएं यह सुनिश्चित हो कि लाउडस्पीकर की आवाज उस परिसर से
बाहर न आए. दूसरे लोगों को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए. नए स्थलों पर लाउडस्पीकर
लगाने की अनुमति न दें. उन्होंने कहा कि संवाद के माध्यम से ही हमने अनावश्यक रूप
से लगाए गए लाउडस्पीकर को हटाने में सफलता पाई है.
सीएम ने कहा कि
हमें एक बीमारू प्रदेश मिला था. राज्य की स्थिति बिगड़ी हुई थी. पहले प्रदेश में
अराजकता थी. दंगों की संस्कृति थी लेकिन टीम यूपी ने लगातार कोशिश कर एक नई
कार्यसंस्कृति तैयार की है. हमने साबित कर दिया कि यूपी दंगामुक्त हो सकता है, साम्प्रदायिक सौहार्द का उदाहरण बन सकता है. यह हमारी बड़ी
उपलब्धि है. सीएम ने कहा कि डीएम और पुलिस कप्तान अपने जिले के न्यायाधीश से हर
महीने कम से कम एक बार जरूर मिलें. पॉक्सो, महिला अपराध के
मामालों की स्थिति पर चर्चा करें. मिशन शक्ति अभियान को आगे बढ़ाने के लिए तेजी से
कार्रवाई की जाए. हर दिन एक घंटे भीड़भाड़ वाले व संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल
जरूर पेट्रोलिंग करें.
सीएम ने निर्देश दिया कि थानाध्यक्ष बेहतर कानून व्यवस्था की मजबूत रीढ़ है. इनका चुनाव करते समय उनकी दक्षता, कर्मठता, सत्यनिष्ठा की परख करें. दागियों को थाने की जिम्मेदारी कतई न दें. इसी तरह सर्किल में भी कार्यवाही की जाए. वहीं हर महीने थाने में टॉप-10 अपराधियों की लिस्ट तैयार की जाए. अगर पुलिस एक्टिव रहकर सूची के अनुसार कार्रवाई करेगी तो यह सूची हर महीने बदल जाएगी और एक वक्त के बाद कोई टॉप 10 माफिया नहीं मिलेगा. सीएम ने कहा कि हर व्यक्ति को न्याय पाने का अधिकार है. सोमवार से शुक्रवार तक जन हित से सीधे जुड़ाव रखने वाले कार्यालयों में हर दिन एक घंटे की के लिए जनसुनवाई करें. इस दौरान में अधिकारी जनता से मिलें, शिकायतें-समस्याएं सुनें और मेरिट पर निस्तारण करें|