रायपुर| प्रदेश में कोरोना संक्रमण कम होने के बाद छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं-12वीं बोर्ड की परीक्षाएं एक बार परीक्षा केंद्रों पर आफलाइन चल रही हैं।लगभग 2 साल बाद cgbsc 10वीं एवं 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं ऑफलाइन आयोजित कर रहा है, इसके साथ ही माशिमं ने अब परीक्षा की कापियों के मूल्यांकन कराने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है।
बोर्ड परीक्षा मूल्यांकन से पहले माशिमं ने कुछ गाइडलाइन तय कर रखी है। इस बार भी बच्चों की कापियों का मूल्यांकन स्टेपवाइज मार्किंग सिस्टम के आधार पर होगा। इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी करने वाले मूल्यांकनकर्ताओं पर कार्रवाई की जा सकती है। मूल्यांकन में पारदर्शिता के लिए मूल्यांकन केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जाएगी। माशिमं के सचिव प्रो. वीके गोयल ने बताया कि मूल्यांकन की प्रक्रिया गोपनीय है। इस पर शिक्षकों की लापरवाही पर कार्रवाई के लिए सिफारिश की जाती है।
मूल्यांकन के दौरान मूल्यांकनकर्ताओं को स्टेपवाइज मार्किंग सिस्टम के तहत बच्चों को अंक देना होगा। कुछ साल तक मूल्यांकनकर्ता परीक्षार्थियों द्वारा लिखे गए जवाब में लाइन की संख्या देखकर ही अंक देते थे। ऐसे में औसतन अंक देने से बेहतर तरीके से जवाब लिखने वाले मेधावियों को नुकसान हो रहा था, वहीं कुछ बिना वजह ही अच्छे अंक भी पा रहे थे। हर विषय में स्टेप-बाई-स्टेप अंक तय हैं। इसमें बिना पढ़े मूल्यांकनकर्ता अंक नहीं दे सकेंगे।
वहीं पिछले वर्षों में यह पता चला कि परीक्षार्थी जब दोबारा कापी जंचवाते हैं तो उन्हें अपनी कापियों में गड़बड़ी पता चलती है। ऐसे में यदि दोबारा कापी जांचने पर बच्चों के अंक अधिक बढ़ते हैं तो इस पर मूल्यांकनकर्ताओं पर कार्रवाई का प्रविधान है।
आपको बता दें कि CGBSC के नियमानुसार 20 से 40 अंक बढ़ने पर मूल्यांकनकर्ता को सभी तरह के पारिश्रमिक काम से तीन
साल के लिए 156 शिक्षकों को वंचित रखने की सिफारिश की
जा सकती है। इसी तरह 41 से 49 अंक बढ़ने पर मूल्यांकनकर्ता को सभी पारिश्रमिक काम से तीन साल के
लिए वंचित कर शिक्षकों की एक वेतनवृद्धि रोकने की सिफारिश हो सकती है। वहीं 50 से अधिक अंक बढ़ने पर पर ऐसे
मूल्यांकनकर्ताओं को भविष्य के लिए पारिश्रमिक काम से वंचित कर कर उनकी एक असंचयी
वेतनवृदि्घ रोकने की सिफारिश की जा सकती है।