जिले को मोतियाबिंद मुक्त बनाने चलाया जाएगा महाभियान,सभी ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में घर - घर सर्वे कर चिन्हांकित हितग्राहियों की सूची तैयार करने के निर्देश


कवर्धा।
अंधत्व निवारण कार्यक्रम के तहत जिले को मोतियाबिंद मुक्त जिला बनाने के उद्देश्य को लेकर कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। इसके लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुजॉय मुखर्जी द्वारा जिले भर के समस्त सहायक नेत्र अधिकारियों की बैठक ली, कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ संजय खरसन भी बैठक में मौजूद रहे। उक्त बैठक में विकासखण्ड वार मोतियाबिंद व नेत्ररोग के उपचार सम्बन्धी अन्य कार्यों की व्यापक जानकारी लेते हुए डॉ मुखर्जी ने समस्त सम्बन्धितों को मोतियाबिंद मुक्त जिला बनाने के लिए कार्य करने का निर्देश दिया। 

         इसके लिए समस्त विकासखण्ड वार मितानिनों और जमीनी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से डोर टू डोर सर्वे करके हितग्राहियों की सूची तैयार कराई जाएगी। इसके पश्चात मोतियाबिंद ऑपरेशन के सेशंस प्लान किया जाएगा और हितग्राहियों को लाभ देना सुनिश्चित किया जाएगा। डॉ मुखर्जी ने समस्त बी एम ओ व पी बीपीएम को आज से ही इसके लिए कार्ययोजना बनाकर भेजने के लिए निर्देशित किया है।

 मोतियाबिंद के लक्षण के बारे में अवश्य बताएं कार्यकर्ता

डॉ मुखर्जी ने डोर टू डोर सर्वे के दौरान लोगों को मोतियाबिंद के लक्षणों को अवश्य बताने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मोतिया बिंद के लक्षण के बारे में बताया कि शुरुआत में मोतियाबिंद से दृष्टि पर बहुत कम प्रभाव पड़ता है। दृश्य लक्षण प्रकट होने में महीनों से लेकर कई सालों तक का समय लग सकता है। इससे पीड़ित व्यक्ति को लगेगा कि उसकी दृष्टि थोड़ी धुंधली है, मानो कांच के एक धुंधले टुकड़े के माध्यम से देख रहे हों। उन्होंने बताया कि-

1- मोतियाबिंद प्रत्येक आँख में एक अलग दर से विकसित हो सकता है, जिसके कारण एक आँख में दृश्य लक्षण और दूसरे में सामान्य दृष्टि हो सकती है। 

2- मोतियाबिंद पीड़ित को सूरज या दीपक का प्रकाश बहुत उज्ज्वल या चमकता हुआ प्रतीत होता है।

3- मरीज की आँखें प्रकाश के प्रति अधिक संवेदनशील प्रतीत होती हैं।

4- रात में गाड़ी चलाते समय सामने से आने वाली हेडलाइट्स पहले की तुलना में अधिक चमकदार लगती हैं।

5- चमकदार रोशनी के चारों ओर दृश्य प्रभामंडल अथवा दोहरी दृष्टि होना भी मोतियाबिंद का लक्षण है। रात में या कम रोशनी में देखना ज्यादा मुश्किल होता है।

6- रंग उतने चमकीले नहीं दिखाई पड़ते जितने पहले दिखते थे। पीड़ित व्यक्ति को धुंधली, बादल जैसी, अस्पष्ट या मंद दृष्टि महसूस हो सकती है।

  उन्होंने ऐसे तमाम लक्षण वाले लोगों को तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र के नेत्ररोग विभाग में सम्पर्क कर जांच कराने की अपील की है, इसके साथ ही सर्वे में सहयोग करते हुए मोतियाबिंद मुक्त जिला महाअभियान में सहयोग करने के लिए भी उन्होंने सभी जनों से निवेदन किया है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Below Post Ad