बजट में छत्तीसगढ़ के भविष्य निर्माण की दूरदर्शिता की कमी, युवाओं और महिलाओं के साथ किया छल : भावना बोहरा


कवर्धा| आज छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वर्ष 2022-23 का बजट प्रस्तुत किया है। आज प्रस्तुत बजट को लेकर भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश मंत्री एवं कबीरधाम जिला पंचायत की सभापति भावना बोहरा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रस्तुत यह बजट प्रदेशवासियों को गुमराह करने वाला है। छत्तीसगढ़ सरकार ने चुनाव से पहले कई बड़े-बड़े वादे किये थे लेकिन राज्य सरकार उन वादों पर अमल करना तो दूर विगत तीन वर्षों में उन विषयों पर चर्चा करने से भी घबरा रही है। केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट में आगामी 25 वर्षों में एक नए व आत्मनिर्भर भारत के निर्माण हेतु बहुप्रतीक्षित योजनाओं एवं दूरदर्शिता देखने को मिलती है लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट में आगामी वर्षों में छत्तीसगढ़ के भविष्य निर्माण हेतु कोई दूरदर्शिता व लक्ष्य दिखाई नहीं दे ररही है।

भावना बोहरा ने कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने से पहले प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी करने के लिए गंगाजल हाथ में लेकर कसम खाई थी, लेकिन इसके विपरीत प्रदेश में शराबबंदी तो दूर अब शासन यहां के ग्रामीण क्षेत्रों में शराब दुकाने खोलने के लिए ठिकाने खोज रही है जो की निंदनीय है। शराब की वजह से महिलाओं पर हो रहे हिंसा और परिवारों में बढ़ते क्लेश को देखते हुए प्रदेश की महिलाओं ने कांग्रेस पर भरोसा जताते हुए अपना वोट दिया था लेकिन तीन वर्षों में शराबबंदी के नाम पर महिलाओं को आश्वासन दिया जाना उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ है।  वर्तमान में छत्तीसगढ़ में अवैध कारोबार इतना बढ़ गया है कि हर क्षेत्र, गली, मोहल्लों में अवैध शराब, जुआ-सट्टा खुलेआम चल रहा है और अपराधिक घटनाएँ जिस तेजी से बढ़ रहीं हैं उससे पूरा प्रदेश खौफजदा है।

चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा-पत्र में युवाओं के लिए रोजगार व बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की थी लेकिन वर्तमान में उन्होंने प्रदेश के लगभग 20 लाख बेरोजगार युवाओं की भावनाओं के साथ भद्दा मजाक किया है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 2500 रुपये प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता की व्यवस्था 3 वर्षों बाद भी ना करना प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के साथ धोखा है, जिसकी जितनी निंदा की जाय वह कम है। भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री रहते डॉ.रमन सिंह जी के नेतृत्व में कई जनकल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की गई थी, वरिष्ठजनों की आस्था का सम्मान करते हुए तीर्थयात्रा योजना भी शुरू की गई थी लेकिन कांग्रेस सरकार आने के बाद से इसे बंद कर दिया गया है। 

भावना बोहरा ने कहा कि राज्य में जब से कांग्रेस की सरकार आई है तब से छत्तीसगढ़ जैसा खुशहाल प्रदेश आज कर्ज के बोझ तले दब गया है। प्रदेश के बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहें हैं। प्रदेश के विकास के नाम पर विगत 3 वर्षो में 51 हजार करोड़ का कर्ज लेकर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने केवल अपना विकास किया है। केंद्र सरकार द्वारा सबको आवास देने हेतु प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की थी लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार की उदासीनता व लापरवाही के कारण जनता को राज्य सरकार द्वारा मिलेने वाले अनुदान को नहीं देने की वजह से लाखों परिवारों के आवास का सपना अधुरा रह गया और अब राज्य सरकार मोर जमीन मोर मकान और मोर मकान मोर चिन्हारी योजना के तहत आवास निर्माण करवाने के खोखले वादे कर रही है। यही नहीं कांग्रेस के जनप्रतिनिधि ने केंद्र सरकार की आवास योजना का लाभ दिलाने के नाम पर प्रदेश की जनता को ठगने का कार्य भी किया है जो की शर्मनाक है। सभी अनियमित-संविदा कर्मचारी साथियों को कांग्रेस ने स्पष्ट कहा था कि सरकार बनने के 10 दिनों के भीतर सबका नियमितीकरण कर दिया जाएगा। लेकिन आज छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार को सत्ता में रहते 3 वर्ष से भी ज्यादा दिन हो गए हैं, लेकिन बजट में उनके लिए कोई घोषणा नहीं होने से उनमें रोष साफ़ दिखाई दे रहा है। 

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार आने के बाद से वित्तीय प्रबंधन पूरी तरह से चरमरा गई है। जनता की सुख-सुविधा के बजाय केवल अपने निजी लाभ व चहेतों को लाभ दिलाने के लिए कांग्रेस पार्टी के नेता कार्य कर रहें हैं और भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहें हैं। बजट में प्रदेश के विकास के लिए न कोई दिशा और न ही कोई नीति दिखाई पड़ती है। कर्ज के बोझ तले छत्तीसगढ़ को इस कदर दबा दिया गया है कि आज प्रदेश में कुपोषण पुनः अपने पैर पसार रही है और राज्य सरकार चिर निद्रा में सोई हुई है।

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