सक्ती। महागौरा गौरी एवं छत्तीसगढ़ी संस्कृति महोत्सव का आयोजन खरसियां विधानसभा के बरगढ़ राज में होना है, जिसकी धमक चंद्रपुर, सक्ती, जैजैपुर विधानसभा तक पड़ रही है।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़िया सर्व समाज और छत्तीसगढ़ एकता मंच के तत्त्वाधान में महागौरा गौरी एवं छत्तीसगढ़ी संस्कृति महोत्सव का आयोजन 24 से 27 नवंबर तक चार दिवसीय करवाया जा रहा है। कार्यक्रम के प्रथम दिन गौरा गौरी नृत्य महोत्सव, दूसरे दिन पंथी नृत्य महोत्सव, तीसरे दिन शौर्य रावत नृत्य महोत्सव और अंतिम दिन कर्मा नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जाना है। साथ ही सभी नृत्य महोत्सव अंतर्गत इनाम भी रखा गया है। आयोजन समिति ने बताया कि प्रथम 50 हजार, द्वितीय 25 और तृतीय 10 हजार का इनाम अलग अलग नृत्य महोत्सव के लिए रखा गया है, वहीं चारो नृत्य महोत्सव में जिसका प्रदर्शन सबसे सर्वश्रेष्ठ होगा उसे अलग से 1 लाख का प्रोत्साहन पुरस्कार आयोजन समिति द्वारा दिया जाएगा।
वहीं इस आयोजन से राजनीतिक जानकारों का मानना है कि खरसियां में कार्यक्रम करा सक्ती, चंद्रपुर और जैजैपुर विधानसभा को भी साधने की कोशिश की जा रही है। साथ ही यह बात भी सामने आ रही है कि 2023 के चुनाव के लिए एक बड़े समीकरण को इस आयोजन के माध्यम से तैयार करने का प्रयास किया जा रहा हैं।
सक्ती के आदिवासी युवा नेता का गोंगपा सामिल होना इस समीकरण का सबसे बड़ा हिस्सा माना जा रहा है। लाखन सिदार और सूरज यादव दोनों ही अपने अपने क्षेत्र में मझे हुए खिलाड़ी हैं वही विजय जायसवाल भी अपने आप मे राजनीति के नामचीन खिलाड़ी हैं। इन तीनों की तिकड़ी और एक मंच में रहना राजनीती में एक भूचाल का पैदा होने को दर्शाता है।
वर्तमान में गोंगपा और छत्तीसगढ़ एकता मंच दोनों गठजोड़ में चल रहें हैं और कही ना कहीं प्रदेश की और भी स्थानीय दलों का लगातार इनके संपर्क की बातें भी सामने आ रही है, इन सब बातों से तो यही लगता है कि छत्तीसगढ़ एकता मंच और गोंगपा तिनका तिनका जोड़ एक बड़ा राजनीतिक महल बनाने की तैयारी कर रहें है। वहीं बरगढ़ राज का चार दिवसीय कार्यक्रम अपने आप में एक बड़ा संदेश रायगढ़, जांजगीर और कोरबा को दे ही रहा है। छत्तीसगढ़ एकता मंच नाम के अनुरूप सभी छोटे दलों को एक मंच में लाने का काम कर रहा है, और बड़ी राजनीतिक पारी खेलने के लिए मैदान सजा रहा है।