भिलाई। बीते 5 जनवरी को दिल्ली के जेएनयू कैंपस में हुए हिंसा जिसमे कुछ नक़ाब पहने असामाजिक तत्वों ने दर्जनों छात्र-छात्राओं को बूरी तरह से पीटा जिसमे जेएनयू अध्यक्ष समेत अन्य छात्रों को भी गंभीर चोटे आई हैं, जिसका समाजवादी पार्टी छत्तीसगढ़ कड़ी निंदा करते हुए जल्द से जल्द दोषियों पर कार्यवाही की मांग करती हैं।
सपा युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष मंतोष यादव ने कहा कि जिन्हें चोट लगी है जो गंभीर रूप से घायल हैं उनके ऊपर ही चार्जेस लगा दिए जाते हैं, लॉ एंड ऑर्डर नाम की कोई चीज नहीं दिखती हैं दिल्ली में, नक़ाब पोस गुंडे निहत्थे छात्रों पर लाठियां, डंडे समेत धारदार हथियार से लहूलुहान कर चले जाते हैं और पुलिस मूकदर्शक बनकर रह जाती हैं, जो जामिया में कैंपस और लायब्रेरी के अंदर घुसकर निर्दोष पढ़ रहे छात्रों पर लाठी चार्ज करती हैं लेकिन जेएनयू में तमाशा देखती हैं, आखिर ये सब कैसे हो सकता है, मंतोष यादव ने कहा जेएनयू की कई ख़ूबियाँ और ख़ामियाँ है। एक ख़ूबी ये है कि ये कैम्पस आपको डराता नहीं है। ग़रीब-वंचित परिवार के लोगों में बड़े सरकारी दफ़्तरों या आलीशान मॉल इत्यादि में घुसने में जो हिचक और झिझक होती है, जेएनयू उस झिझक को ज़रा भी महसूस नहीं होने देता। किताबों से परे असल मायनो में समानता, स्वतंत्रता और न्याय का अहसास ये कैम्पस आपको कराता है और जिन विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों के इन अधिकारों का हनन होता है, उसके लिए एकजुट होकर संघर्ष करता है। यहाँ समृद्ध तबक़ों से आने वाले छात्र भी वंचित समुदाय के छात्रों के पढ़ने के अधिकार के संघर्ष में पुलिस की लाठियाँ खाने सड़कों पर उतरते हैं क्योंकि ये कैम्पस आपको अन्याय और दूसरों के दर्द को महसूस करना सिखाता है। जेएनयू आपको अपने दिल और दिमाग़ की बात रखना सिखाता है। यहाँ ख़ाली जेब और टूटी फूटी अंग्रेज़ी का मज़ाक़ नही उड़ाया जाता, ये कैम्पस आपके जीवन के संघर्ष का सम्मान करता है। यहाँ आपका मूल्याकंन आपके विषय के ज्ञान और समझ पर किया जाता है, भाषा की अशुद्धियों पर नहीं। जेएनयू सिर्फ सवाल का जवाब देना नही सिखाता, जवाबों पर सवाल करना भी सिखाता है। जेएनयू देश के हर कोने में चल रहे हर जनवादी संघर्ष के पक्ष में अपनी आवाज बुलन्द करता है। इसलिए हमेशा सत्ता में बैठे लोगों की आँख में गड़ता है, आज जेएनयू को बचाने की लड़ाई पूरे देश के हर गाँव-देहात में रहने वाले उन बच्चों के सपनों को बचाने की लड़ाई है जो तमाम मुश्किलों के बावजूद ज्ञान के माध्यम से अपना और देश-समाज का जीवन बदलना चाहते हैं।
सबको मालूम हैं कि दिल्ली की कानून व्यवस्था किसके हाथो में हैं जहा पीएम समेत गृहमंत्री और अन्य मंत्री रहते हो वहा इनके नाक के नीचे इतनी भयावह घटना बहुत ही शर्मनाक हैं, इसीलिए हमने आज गृहमंत्री का विरोध किया और पुतला दहन किया। विरोध प्रदर्शन में मुख्य रूप से सपा के प्रदेश महासचिव मंगल करन पांडेय, युवा उपाध्यक्ष कमलेश यादव, छात्र नेता श्याम यादव, शिवम् राय, हेमंत मेश्राम, रतिस यादव, बृजेश यादव, संतोष यादव, नजरुल खान, अमित पांडेय, शिवा तिवारी, अनिमेष साहू, मनीष खरवार, सुमित वर्मा, प्रदीप शर्मा, लोकेश परगनिहा, राजीव यादव, सादिक हुसैन, नमन बघेल आदि शामिल रहे।