संजय यादव 'द फायर News'
पंडरिया। एक ओर कबीरधाम जिले में कलेक्टर और जिला के मुख्यकार्यपालन अधिकारी देश के आमनागरिको को सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नियत समय के अंदर जानकारी नहीं देने वाले जनसूचना अधिकारियों पर कार्यवाही कर नकेल कसने की कोशिश कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ ब्लॉक स्तर के अधिकारी ग्राम पंचायतों में जनसूचना अधिकारियों की तानाशाही को बढ़ावा देने का कार्य कर रहे हैं । दरअसल मामला कुछ ऐसा है कि ब्लॉक पंडरिया के ग्राम पंचायत अमली मालगी के आवेदक दिलीप कुमार साहू द्वारा जनसूचना अधिकारी तथा सचिव ग्राम पंचायत अमली मालगी एवनाथ चंद्रवंशी के समक्ष आवेदन कर पंचायत में हुए विकास कार्यों में 14 वे वित्त के आय व्यय की जानकारी 2 अक्टूबर 2019 को मांगी गई थी । उक्त आवेदन के आधार पर जानकारी नियत समय की अवधि अर्थात 2 नम्बर 2019 तक आवेदक को उपलब्ध कराई जानी थी । लेकिन जानकारी उपलब्ध कराने की वजाए 24 अक्टूबर को आवेदक को जनसूचना अधिकारी द्वारा पत्र लिखकर यह बताया गया कि आवेदक द्वारा दिया आवेदन विधि संगत नही है ।
देखें वीडियों-
आवेदक को दिए जवाब में विस्तार से किसी भी तरह की जानकारी जवाब में अंकित नहीं थी , इतना ही नहीं आवेदक द्वारा दिया आवेदन किस तरह से विधि संगत नहीं है उल्लेख नहीं किया गया था । अतः आवेदक दिलीप कुमार ने जानकारी हेतु जनपद सीईओ के पास अपील करने का सोंच , जनपद सीईओ नवीन भट्ट के पास पहुंचा । आवेदक ने बातचीत के दौरान कहा आवेदन सही होने के बाद भी सीईओ जनपद पंचायत पंडरिया के द्वारा उन्हें सही सलाह जानकारी देने के बजाय उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया , जन सूचना अधिकारी ग्राम पंचायत अमलीमालगी को सूचना देने का आदेश देना छोड़ एवं आवेदक की अपील स्वीकारना छोंड़ आवेदक पर ही बरस पड़े । आखिर अमली मालगी के सचिव एवं जनसूचना अधिकारी एवनाथ चंद्रवंशी पर जनपद सीईओ इतने मेहरबान क्यों ? आखिर उनके बीच ऐसा कौन सा नाता है जो नवीन भट्ट उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे हैं ?
आवेदक ने द फायर से आगे बातचीत करते हुए कहा बड़े देर मिन्नते करने पश्चात उनके अपील का आवेदन आवक जावक में लिया गया । दिलीप साहू का कहना है कि उनके ग्राम पंचायत में कई सारी समस्याएं हैं और बीते पांच सालों में विकास का नामो निशान नहीं हुआ है । विकास के नाम पर सिर्फ भ्रष्टाचार और पैसों का ही गबन किया गया है । इसी वजह से हो उन्होंने ने 14 वे वित्त के आय व्यय की जानकारी भी मांगी थी । जैसा कि जिले में लापरवाह जनसूचना अधिकारियों पर लगातार कार्यवाही जिले के बड़े अफसर कर रहे हैं , अब देखना यह है कि ग्राम पंचायत अमली मालगी के इस मामले में प्रशासन क्या बड़ा कदम उठाएगा ।
पंडरिया। एक ओर कबीरधाम जिले में कलेक्टर और जिला के मुख्यकार्यपालन अधिकारी देश के आमनागरिको को सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नियत समय के अंदर जानकारी नहीं देने वाले जनसूचना अधिकारियों पर कार्यवाही कर नकेल कसने की कोशिश कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ ब्लॉक स्तर के अधिकारी ग्राम पंचायतों में जनसूचना अधिकारियों की तानाशाही को बढ़ावा देने का कार्य कर रहे हैं । दरअसल मामला कुछ ऐसा है कि ब्लॉक पंडरिया के ग्राम पंचायत अमली मालगी के आवेदक दिलीप कुमार साहू द्वारा जनसूचना अधिकारी तथा सचिव ग्राम पंचायत अमली मालगी एवनाथ चंद्रवंशी के समक्ष आवेदन कर पंचायत में हुए विकास कार्यों में 14 वे वित्त के आय व्यय की जानकारी 2 अक्टूबर 2019 को मांगी गई थी । उक्त आवेदन के आधार पर जानकारी नियत समय की अवधि अर्थात 2 नम्बर 2019 तक आवेदक को उपलब्ध कराई जानी थी । लेकिन जानकारी उपलब्ध कराने की वजाए 24 अक्टूबर को आवेदक को जनसूचना अधिकारी द्वारा पत्र लिखकर यह बताया गया कि आवेदक द्वारा दिया आवेदन विधि संगत नही है ।
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आवेदक को दिए जवाब में विस्तार से किसी भी तरह की जानकारी जवाब में अंकित नहीं थी , इतना ही नहीं आवेदक द्वारा दिया आवेदन किस तरह से विधि संगत नहीं है उल्लेख नहीं किया गया था । अतः आवेदक दिलीप कुमार ने जानकारी हेतु जनपद सीईओ के पास अपील करने का सोंच , जनपद सीईओ नवीन भट्ट के पास पहुंचा । आवेदक ने बातचीत के दौरान कहा आवेदन सही होने के बाद भी सीईओ जनपद पंचायत पंडरिया के द्वारा उन्हें सही सलाह जानकारी देने के बजाय उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया , जन सूचना अधिकारी ग्राम पंचायत अमलीमालगी को सूचना देने का आदेश देना छोड़ एवं आवेदक की अपील स्वीकारना छोंड़ आवेदक पर ही बरस पड़े । आखिर अमली मालगी के सचिव एवं जनसूचना अधिकारी एवनाथ चंद्रवंशी पर जनपद सीईओ इतने मेहरबान क्यों ? आखिर उनके बीच ऐसा कौन सा नाता है जो नवीन भट्ट उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे हैं ?
आवेदक ने द फायर से आगे बातचीत करते हुए कहा बड़े देर मिन्नते करने पश्चात उनके अपील का आवेदन आवक जावक में लिया गया । दिलीप साहू का कहना है कि उनके ग्राम पंचायत में कई सारी समस्याएं हैं और बीते पांच सालों में विकास का नामो निशान नहीं हुआ है । विकास के नाम पर सिर्फ भ्रष्टाचार और पैसों का ही गबन किया गया है । इसी वजह से हो उन्होंने ने 14 वे वित्त के आय व्यय की जानकारी भी मांगी थी । जैसा कि जिले में लापरवाह जनसूचना अधिकारियों पर लगातार कार्यवाही जिले के बड़े अफसर कर रहे हैं , अब देखना यह है कि ग्राम पंचायत अमली मालगी के इस मामले में प्रशासन क्या बड़ा कदम उठाएगा ।